वैश्विक लोकतांत्रिक मानववाद The Perfect Democracy (eBook)
Original price was: ₹ 150.₹ 100Current price is: ₹ 100.Approximately $ 1 (USD)
Book details
Author | Sukesh Prasad |
Pages | 98 |
Book Format | ebook |
ISBN | 978-81-947186-8-0 |
Dimensions | 26 x 19 cm |
Langauge | Hindi |
Publishing Year | 2020 |
Book Genre | Social and Political Issues |
Publisher | Bright MP Publisher |
Seller | Buks Kart “Online Book Store |
लेखक ने अपनी काल्पनिक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था पर आधारित इस पुस्तक में वर्तमान सांविधानिक व्यवस्था के अन्तर्गत ‘‘अल्पजन हिताय, अल्पजन सुखाय’’ एवं ‘‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’’ की विवादित उस धारणा को, जिसमें ‘‘लोक’’ गायब होता है और सिर्फ ‘‘तंत्र’’ नजर आता है, कि संभावना को पूर्णतः समाप्त कर ‘‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’’ के मानवतावादी रामराज्य के स्वरूप में परिवर्तित कर दिया है। लेखक के निजी विचारों में सांविधानिक त्रुटियों का लाभ उठाते हुए प्रारम्भ से ही शासक-प्रशासक वर्ग ने भ्रष्टाचार-दुराचार करते हुए ‘लोकतंत्र’ को ‘‘तानाशाही’’ में बदलकर रख दिया है, साथ ही राष्ट्रीय भावना एवं देशभक्ति से ओत-प्रोत हमारे समाज की भावना को समय-समय पर नये अंदाज में उछालते हुए नाजायज राजनीतिक लाभ उठाता रहा है । लेखक ने इसे दूर कर समाज एवं देश को किस तरह विकास के पथ पर लाकर पुनः ‘‘सोने की चिड़िया एवं विश्वगुरू’’ बनाया जा सकता है, इसमें समाहित किया है । यह पुस्तक निश्चित रूप से हमारे लोकतांत्रिक संविधान पर चढ़ाए गए ‘‘अँग्रेजी शासन व्यवस्था’’ के आवरण को हटाकर संविधान को पूर्णतः कल्याणप्रद बनाएगा ।
लेखक- सुकेश प्रसाद
Description
यह पुस्तक “अँग्रेजी शासन-व्यवस्था “ पर जाने-अनजाने चढ़ाये गए “ लोकतांत्रिक व्यवस्था” के छद्म आवरण को पूर्णत: हटाकर समस्त देशवासियों एवं विश्व के अन्य देशों को “असली लोकतांत्रिक व्यवस्था “ से परिचित करायेगी। लोकतंत्र के सन्दर्भ में आजतक की सभी जानकारियाँ अधूरी हैं। सांविधानिक त्रुटियों के कारण “लोकतंत्र “ को “तानाशाही/मनमानी’’ में बदलकर उलझने /उलझन बढ़ानेवाली सभी समस्याओं के सहज एवं दीर्घकालिक समाधान इसमें हैं।
About Author
लेखक 71 वर्षीय गैर-राजनीतिक व्यक्ति हैं आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी के सदस्य नहीं रहे हैं । आगे सक्रिय राजनीति में इनकी एवं परिवार के किसी सदस्य की कोई अभिरुचि नहीं है । हमारे देश एवं देशवासियों का ‘‘किसी के भी द्वारा“ कल्याण हो, सिर्फ यही मकसद होना चाहिए। लेखक के द्वारा समय-समय पर देश के तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति महोदय, देश को संचालित करने वाली सरकार पार्टी प्रमुख, तत्कालीन प्रधानमंत्रियों तत्कालीन चुनाव आयुक्तों, देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के प्रमुखों को पत्र लिखकर अपने विचारों से हमेशा से अवगत कराते आ रहे हैं ।
-
Sale!
Shubhashansha Hindi Paperback July (2023)
Original price was: ₹ 250.₹ 200Current price is: ₹ 200.Approximately $ 2 (USD) Add to cart -
Sale!
Meri Kalam Se Hindi Paperback October 2022
Original price was: ₹ 250.₹ 220Current price is: ₹ 220.Approximately $ 3 (USD) Add to cart -
Sale!
Smart Kid Play With Letters (A-Z) Paper Book 2020
Original price was: ₹ 180.₹ 150Current price is: ₹ 150.Approximately $ 2 (USD) Add to cart -
Sale!
Literary Criticism in the 21st Century (English Paperback October 2024)
Original price was: ₹ 399.₹ 350Current price is: ₹ 350.Approximately $ 4 (USD) Add to cart -
Sale!
शिक्षा ‘एक संक्षिप्त परिचय’
Original price was: ₹ 150.₹ 100Current price is: ₹ 100.Approximately $ 1 (USD) Add to cart