Pavitra Bhartiya Vivah Ka Andhakarmay Paksh 2020
Original price was: ₹ 175.00.₹ 150.00Current price is: ₹ 150.00.
Book details
- Author : Ruchir Jain
- Pages : 120 Pages
- Book Format : Paper book
- ISBN-10 : 8194592747
- ISBN-13 : 978-8194592747
- Dimensions : 26 x 19 x 3 cm
- Publisher : Books clinic Publishing (1 January 2020)
- Language: : Hindi
- Book Genre : Social
- Seller : Buks Kart “Online Book Store”
हम शादी के नाम पर होने वाले छोटे-बड़े सौदों की बातें कभी तो बड़ी ही खुशी से तो कभी बहुत ही गुस्से के साथ व्यक्त करते हैं, यह किताब उन पहलुओं पर लिखी गई है, जो हमारी आँखों के सामने होने पर भी हम या तो देखते नहीं हैं, या देखना नहीं चाहते हैं, हम एक पुराने पैटर्न को निभाते चले आते हैं, शादी खुद में ही कई कुरीतियों को समेटे हुए है, और इसका वह पक्ष जो हम अक्सर नकारते हैं, क्योंकि हम परेशानियों से या तो भाग जाना चाहते हैं, या स्वयं को दूसरी दिशा में मोड़ कर खुशी ढूंढ़ना चाहते हैं, हम किसी शादी में बहुत ही खुशी के साथ कुछ खूबसूरत लम्हें बिता कर आते हैं, नाच-गाना, शोर-शराबा, अच्छा खाना-पीना यह सब एक शादी में होता है, और उसके बाद जो दो लोग शादी कर चुके हैं, वे कितने दिनों तक खुश हैं या कितने समझौते कर रहे हैं, या हनीमून पीरियड के बाद अब उनके बीच प्यार और आकर्षण में कितना परिवर्तन आया है, यह सब कौन देखता है? हम पवित्र विवाह के नाम पर होने वाले शोषण, हिंसा, और अन्य बुराईयों को अक्सर नहीं देखते हैं, उस पर ही यह किताब है।
Description
About Book
हम आए दिन किसी ना किसी शादीशुदा महिला के आत्महत्या करने की ख़बरें पढ़ते हैं। अक्सर शादी हो जाने के बाद भी कई महिलाएं और पुरुष एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स में उलझ जाते हैं, ऐसे में सात जन्मों का रिश्ता कहे जाने वाले विवाह का कोई मोल नहीं रह जाता। आंकड़े बताते हैं कि शादी के बाद जितनी हिंसा होती है, उतनी शादी से पहले नहीं होती, हम घरेलू हिंसा, दहेज, बहु विवाह, हलाला जैसी कुरीतियों के ख़िलाफ़ जंग लड़ते आये हैं पर ये सभी विवाह के ही यथार्थ पहलु हैं, विवाह को एक अलग और वास्तविक नज़रिये से देखा जाए तो यह कोई व्यवस्था नहीं बल्कि शोषण, भेदभाव, कपट, हिंसा, और दहेज जैसी बुराइयों को संरक्षण देने के लिए ज़्यादा प्रभावी है, बल्कि विवाह को हिस्सों में देखा जाए तो तो शुरू से आखिर तक हर एक हिस्सा शोषण और दवाब से परिपूर्ण है, जैसे लड़की को दिखाना कभी साड़ी में तो कभी सूट में, फिर दहेज़ के सौदे करना लाखों-करोडों में, शादी का अनावश्यक खर्च , और शादी के नाम पर पैसों का लेन-देन, शादी के नाम पर स्थायी कर्मचारिणी बना कर बहू को लाया जाना और उसको आभाष दिलाना कि यही तुम्हारा नैसर्गिक कर्त्तव्य है, और यूं तो प्रेमी-प्रेमिका के मिलने पर लोग उनको गलत बोलते हैं पर अनजान आदमी से शादी हो जाने पर भी उसके साथ तुरंत सुहागरात मनाए जाने को पवित्र बंधन बोला जाता है, और सबसे बड़ी बात इस रिश्ते में शारीरिक संबंध कंसेंट लेकर बनाया गया है या नहीं ये भी कोई नहीं पूछता ना ही कोई आपत्ति लेता है। आजकल adultery यानि व्यभिचार भी गुनाह नहीं है भले ही यह किसी की आदत में शुमार क्यों ना हो, ऐसे में प्यार, शादी, कमिटमेंट जैसी बातों का कोई मोल नहीं रह जाता है।
लड़की भी इंसान है, उसे चीज मत बनाओ।।
देखने जाने से लेकर मुंह दिखाई तक,
उसको नुमाइश का सामान न बनाओ।।
-
Sale!
Tarang Tarane Zindgi Ke (तरंग तराने जिंदगी के) Paperback June 2021
Original price was: ₹ 200.00.₹ 150.00Current price is: ₹ 150.00. Add to cart -
Sale!
Machan Upar Ulgulan (मचान ऊपर उलगुलान) Hindi Paperback Sept. 2021
Original price was: ₹ 200.00.₹ 175.00Current price is: ₹ 175.00. Add to cart -
Sale!
Maa Saa (Hindi Paperback) September (2023)
Original price was: ₹ 250.00.₹ 220.00Current price is: ₹ 220.00. Add to cart -
Sale!
Hala Se Samajvaad Paperback (हाला से समाजवाद हिन्दी) 2021
Original price was: ₹ 200.00.₹ 175.00Current price is: ₹ 175.00. Add to cart -
Sale!
कौमुदी सौरभ (Kaumudi Saurabh) Novel
Original price was: ₹ 150.00.₹ 125.00Current price is: ₹ 125.00. Add to cart -
Sale!
The Complete Novels of Sherlock Holmes
Original price was: ₹ 299.00.₹ 149.00Current price is: ₹ 149.00. Buy Now