Kaliyoon Ki Saugandh (कलियों की सौगन्ध) उपन्यास हार्ड कवर 2012
Original price was: ₹ 270.00.₹ 150.00Current price is: ₹ 150.00.
Book details
- Author : Kailashchand Sharma “Shanki”
- Page :120 pages
- Product forum : Hardbound
- ISBN- 13 : 978-81-92166-68-1
- Item Weight : 180 g
- Dimensions : 5.5″x8.5″
- Publisher : Utkarsh Prakashan
- Language: : Hindi
- Book Genre : Novel
- Seller : Buks kart (“Sumangala online Book Store”, Kalyan MH)
इस उपन्यास में लेखक ने मानव जीवन की विभिन्नताओं को दर्शाया है जिसकी कोई सीमाएँ नहीं होती, मगर उसे अपनी करनी और कथनी के अंतर में बाँधना पड़ता है तभी तो उसका जीवन सुन्दरता को प्रतिबिंबित करता है | अन्यथा तो बदसूरती उसकी ज़िन्दगी को बदनाम करके रख देती है तब उसकी सोच, समझ और चेतना शून्य हो जाती है और जीवन रुपी सरिता की गति और वह हो जाता है दिशाहीन | वाही दिशाहीन उसे बदनाम करके रख देती है | ऐसा ही आडम्बर भरा जीवन जीने लगता है हेमंत जिसको कोई उदेशात्मक लगाम बाँध कर नहीं रख सकती| दूसरी और प्रमोद है जिसने जीवन फूलों की सी प्रदान कर उसे उगंध से सरोबार कर देती है उन्हें कलियों की उपस्थिति में वह “कलियों की सौगन्ध” खाकर अपने प्यार को पाकर अपने को धन्य बना लेता है |
उपन्यास में माँ की ममता, भाई का स्नेह, मित्र की मित्रता, प्रेमी-युगल की मोहब्बत का चित्रण तो हुआ ही है साथ ही नारी के संघर्ष के विविध आयामों की मार्मिक अभिव्यक्ति प्रदान करने का प्रयास रहा है |
Description
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक/कवि/उपन्यासकार डाॅ. कैलाशचन्द शर्मा एक ऐसी शख्शियत हैं जो अपने आप में एक नायब हीरे की तरह है जो तमस की दुनियां में प्रकाशमान है। इसी कड़ी में लगभग दो दर्जन से अधिक पुस्तकों तथा उपन्यास, कहानी, लघुकथा, कविता जैसी विधाओं के रचनाकार डाॅ0 शंकी सहित्य जगत में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। इनके लेखन में अनुभव की सहजता व व्यापकता का राष्ट्रबोध व राष्ट्रहित सर्वोपरि है। बहुत हर्ष का विषय है कि इनकी रचनाओं ने ‘राष्ट्रीय स्तर’ पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई है। हिन्दी विधा के अतिरिक्त इन्होंने अंग्रेजी भाषा में भी कुछ पुस्तकें लिखी हैं और पाठकों के बीच अपनी अपनी पैठ बनाई है। शंकीजी को राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई पुरस्कार प्राप्त हुऐ हैं। वर्तमान में भी इनका लेखन कार्य जारी है जो समाज को एक नई दिशा दिखाने में कामयाब हुए हैं।