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Koyala Aar Maati (Khortha) Paperback June 2023

Original price was: ₹ 150.00.Current price is: ₹ 140.00.

Book Detail

AuthorDr. Mukund Ravidas
Pages75
Book FormatPaperback
ISBN 13978-81-963022-1-4
Dimensions21.7 x 14.5 x 0.4 cm
Item weight140 gm
LanguageHindi (Khortha)
Publishing YearJune 2023
Book GenrePoetry
PublisherBright MP Publisher
SellerBuks Kart “Online Book Store”

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Description

एक कोयला रूपी पुत्र के कारण कोयलांचल की इस मां स्वरूप माटी के लाखों पुत्र अपने अस्तित्त्व का संघर्ष झेल रहे हैं। बचपन से एक मुहावरा पढ़ता था- ’पैरों तले से जमीन खिसक जाना‘, पूरी दुनिया के लिए यह मुहावरा व्यंजनात्मक अर्थ रखता है पर हमारे लिए यह मुहावरा अभिधात्मक अर्थ रखता है। हम तो वो बदनसीब बेटे हैं जो जमीन पर तीरों की शय्या बनाकर भी लेटना चाहें तो वो जमीन रातों रात हमें पाताल लोक पहुँचा देती है।
हम माटी का ऐसा ऋण चुकाते हैं कि माटी नींद में ही हमे अपनी कोख में छुपा लेती है। इसी माटी की परवरिश में पनपने वाला कोयला और हम एक माँ के पुत्र होकर भी एक नहीं हो पाए। हमारे लिए दुर्योधन सा व्यवहार रखने वाला हमारा भाई कोयला, मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए कर्ण बन जाता है। कोयले के साथ हमारा सहअस्तित्त्व विघटनशील है, पर इन्हीं परिस्थितियों के बीच रहकर कलम कभी-कभी सीधी होती है और उस कोयले के चूर्ण को स्याही बनाकर उससे शब्द गढ़ती है। इन शब्दों में मिट्टी की सौंधी महक भी है और उस मिट्टी में दबी परछाइयों की आवाज भी है या प्रेम के पंछियों का कलरव भी है और उनका विरह गीत भी है य भोर के तारों का प्रकाश भी है और पेशानी पर गोधूली के धूल का असर भी है। हम रेणु की पदचापों से नपे वृत्त में रहने वाले लोग उनकी परंपराओं की अवहेलना कैसे करें ? शब्दों का वही जत्था अब सार्वजनिन होने को प्रस्तुत है। कोयलांचल के इस पुत्र की भूमिका का रेखांकन अब पाठकों के हवाले है।

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