Parda-Beparda (परदा-बे-परदा)Hindi Paperback 2018
150.00
प्रस्तुत उपन्यास पुस्तक एक ऐसे व्यक्ति व उसके परिवार पर आधारित है जिसने अपने जीवनकाल में काफी मान-सम्मान व प्रतिष्ठा पाई, उस प्रतिष्ठा को उसका ही रक्त धोखा देकर एक दिन विखण्डित कर देगें। पुत्र जिसे वह अधिक प्रेम करता था, दुलार था, अपार स्नेह था, वह और उसकी बहू किस प्रकार से परिवार को ही नहीं उसके सोने जैसे व्यक्त्वि को छल, कपट और ओछी मानसिकता से खण्ड-खण्ड कर देती हैं और इसका क्या परिणाम होता है पढ़िये इस उपन्यास ‘परदा-बे-परदा’ में। परिस्थतियां कभी ऐसी भी हो सकती है कि बलशाली से बलशाली को भी एक दिन घुटने टेकने पड़ते हैं।
Description
लेखक के बारे में
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक/कवि/उपन्यासकार डाॅ. कैलाशचन्द शर्मा एक ऐसी शख्शियत हैं जो अपने आप में एक नायब हीरे की तरह है जो तमस की दुनियां में प्रकाशमान है। इसी कड़ी में लगभग दो दर्जन से अधिक पुस्तकों तथा उपन्यास, कहानी, लघुकथा, कविता जैसी विधाओं के रचनाकार डाॅ0 शंकी सहित्य जगत में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। इनके लेखन में अनुभव की सहजता व व्यापकता का राष्ट्रबोध व राष्ट्रहित सर्वोपरि है। बहुत हर्ष का विषय है कि इनकी रचनाओं ने ‘राष्ट्रीय स्तर’ पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई है। हिन्दी विधा के अतिरिक्त इन्होंने अंग्रेजी भाषा में भी कुछ पुस्तकें लिखी हैं और पाठकों के बीच अपनी अपनी पैठ बनाई है। शंकीजी को राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई पुरूस्कार प्राप्त हुऐ हैं। वर्तमान में भी इनका लेखन कार्य जारी है जो समाज को एक नई दिशा दिखाने में कामयाम हुए हैं।
Product details
- Paperback : 126 pages
- Product forum : Paperback/Softback
- ISBN-13 : 978-93-88346-06-1
- Item Weight : 150 g
- Product Dimensions : 21.5 x 14.0 x 1.0 cm
- Publisher : Raveena Prakashan, New Delhi
- Language: : Hindi
- Seller : Meri Kavita (“My Book Store”, Kalyan MH)