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Ramayan ka jatau Dharm

Original price was: ₹ 275.00.Current price is: ₹ 250.00.

रामायण का जटायु धर्म… धर्म एक व्यापक तत्व है। आधुनिक युग में धर्म का मौलिक स्वरूप और सिद्धांत क्या है और कैसा है? ये चिंतन का विषय है परन्तु आज के दौर में जहां स्वार्थ के दलदल में सब धंसे है वही रामायण का एक पक्षी जटायु धर्म के वास्तविक स्वरूप को अपने जीवन को बलिदान करके व्याख्यायित ही नहीं करता बल्कि स्वर्णाक्षरों में विश्व पटल पर उत्कीर्ण कर देता है.. ये पुस्तक वैदिक, पौराणिक, ऐतिहासिक, दार्शनिक आध्यात्मिक और सामाजिक चिंतन को सरस और सरलता से व्यक्त करती.. एक जन साधारण से लेकर विद्वानों मनीषियों, चिंतकों और अध्येताओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण और उपयोगी है प्रामाणिक है।

Description

रचनाकार परिचय :- डा0 अशोक विश्वामित्र”आचार्य” एक कवि, साहित्यकार और व्याख्याकार अनुभवी दार्शनिक व्यक्तित्व के धनी हैं। आप प्रकृति की गोद में पले बढ़े भावुक हृदय आध्यात्मिक चिंतक हैं।आपका जन्म दयालबाग आगरा में हुआ..माता श्रीमती भगवादेवी सद् ग्रहणी और पिताजी डा शिवराम सिंह जी (पशु चिकित्सक)कर्तव्य निष्ठ व्यक्ति थे।आपकी शिक्षा हुई– आगरा विश्वविद्यालय-आगरा कालेज आगरा से स्नातक,स्नातकोत्तर तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पीएचडी (वैदिक वाङ्मय पुराणेतिहास पर शोध)।
मैट्रिक से ही काव्य रचना आरम्भ की पहला कविता संग्रह “शूल-फूल” नाम से प्रकाशित हुआ और प्रयागविद्या पीठ में महान कवियत्री महादेवी वर्मा के करकमलों से विमोचन हुआ।इसके बाद”स्वतंत्रता की वेदी पर”खण्ड काव्य की रचना की,”मृणालिका विक्रम”नाटक, ” भीष्म का बलिदान”नाटक,”प्रीति संगम”उपन्यास,”नील कमल” उपन्यास (नीता प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित)”मुदगलानी”(ऋग्वेद की पृष्ठभूमि पर मौलिक उपन्यास)”कौमुदी सौरभ”(महाभारत की पृष्ठभूमि पर मौलिक उपन्यास),”दशग्रीव”(उपन्यास),तपती यश:चन्द्रिका (संस्कृत काव्य),”रावण का आत्मगीत”(खण्ड काव्य)”मारुति चरित विलास (काव्य),”श्रीहरि शरणागति स्तोत्रम”(नीता प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित),”श्री राघव प्रपत्ति स्तोत्रम्”(संस्कृत रचना),”महाभारत के महानायक योगेश्वर श्रीकृष्ण कालखंड और दर्शन”(शोध ग्रंथ),”रामायण के साधक की साधना यात्रा”(दार्शनिक ग्रंथ),”रामायण का जटायु धर्म”,”मानसामृत सरस लक्ष्मण गीता”, मानसामृत सरस राम गीता”(सभी उत्कृष्ट व्याख्या ग्रंथ)….”मृणालिका विक्रम”(ऐतिहासिक उपन्यास… पूर्व नाटक का औपन्यासिक परिवर्धित स्वरूप)….. भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास, उत्कृष्ट साहित्य सृजन और हिन्दी प्रचार प्रसार में संलग्न, सकारात्मक चिंतन के साथ समता मूलक समाज के लिए चेतना जागृति के लिए प्रयत्नशील।आपके वरिष्ठ पुत्र केशव देव एडवोकेट हैं जो लेखक,विचारक और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पित हैं छोटे पुत्र अविनाश ठाकुर सुप्रसिद्ध चित्रकार हैं…सम्प्रति ये सारस्वत परिवार सरस्वती की सेवा में समर्पण भाव से लगा है…

Product details

Paper back- 224 page
Product form-paper book
Item weight-260 g.
Product dimension- 22.5*14*1.2 cm
Publisher-B.G.A.P.P.T
LANGUAGE-HINDI

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