Shubhra Rashmiyaan (शुभ्र रश्मियाँ) Paperback 2020
150.00
श्वेत, सफेद अथवा उजली ज्योति की अति सूक्ष्म रेखएँ जो प्रवाह के रूप में सूर्य, चन्द्रमा, दीपक आदि प्रज्वलित पदार्थों से निकलकर चहुँओर फूट पड़ती हैं और अपनी आभा बिखेर देती हैं वे ही ‘शुभ्र रश्मियाँ’ हैं। प्रस्तुत पुस्तक में कविवर डाॅ0 शंकी के द्वारा हिन्दी साहित्य में वर्णित रसों को लेकर अपनी पुस्तक में शब्दों के हारों से सुसज्ज्ति कर एक ऐसा काव्य तैयार किया गया है जिसमें हर रस अपनी परिपूर्णता स्वयं ही बखान कर रहा है। पुस्तक में चाहे देशप्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति हो, अथवा नारी के सूक्ष्म सौन्दर्य की अभिव्यक्ति या श्रृंगार रस हो, राजनीति हो, समाज में फैल कुरीतियां हों, अंधविश्वास हो, विकृतियां हो हर प्रकार से उन्होंने एक जागरूकता लाने का प्रयास किया है।
Description
लेखक के बारे में
प्रस्तुत पुस्तक के लेखक/कवि/उपन्यासकार डाॅ. कैलाशचन्द शर्मा एक ऐसी शख्शियत हैं जो अपने आप में एक नायब हीरे की तरह है जो तमस की दुनियां में प्रकाशमान है। इसी कड़ी में लगभग दो दर्जन से अधिक पुस्तकों तथा उपन्यास, कहानी, लघुकथा, कविता जैसी विधाओं के रचनाकार डाॅ0 शंकी सहित्य जगत में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। इनके लेखन में अनुभव की सहजता व व्यापकता का राष्ट्रबोध व राष्ट्रहित सर्वोपरि है। बहुत हर्ष का विषय है कि इनकी रचनाओं ने ‘राष्ट्रीय स्तर’ पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई है। हिन्दी विधा के अतिरिक्त इन्होंने अंग्रेजी भाषा में भी कुछ पुस्तकें लिखी हैं और पाठकों के बीच अपनी अपनी पैठ बनाई है। शंकीजी को राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर कई पुरूस्कार प्राप्त हुऐ हैं। वर्तमान में भी इनका लेखन कार्य जारी है जो समाज को एक नई दिशा दिखाने में कामयाम हुए हैं।
Product details
- Paperback : 84 pages
- Product forum : Paper Book/Hardbound
- ISBN-13 : 978-93-84597-86-9
- Item Weight : 150 g
- Product Dimensions : 22.0 x 14.0 x 1.0 cm
- Publisher : Anil Prakashan, New Delhi
- Language: : Hindi
- Seller : Meri Kavita (“My Book Store”, Kalyan MH)
Additional information
Weight | 160 g |
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